शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					मल-मास					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० कर्म० स०] १. वह अमांत मास जिसमें संक्राति न पड़ती हो। दो संक्रान्तियों के बीच में पड़ने वाला चांद्रमास। विशेष—चांद्रगणना के अनुसार प्रायः तीसरे या चौथे वर्ष बारह की जगह तेरह महीने भी होते हैं। यही तेरहवाँ महीना (जो वर्ष के बीच में पड़ता है) अधिमास, अधिक मास, मलमास या पुरूषोत्तम कहलाता है। इस मास में कोई शुभ काम करने का विधान नहीं है। २. क्षयमास।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |