शब्द का अर्थ
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					महिं					 :
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					अव्य०=महँ (में)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					महि					 :
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					स्त्रीं० [सं०√मह् (पूजा)+कुन्, -अक+टाप्] १. पृथ्वी। २. कुहरा। पाला। हिम।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					महिक्षित					 :
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					पुं० [सं० मही√क्षि (निवास या हिंसा)+क्विप्-तुक्-आगम] राजा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					महिख					 :
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					पुं० =महिष। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					महिदास					 :
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					पुं० =महीदास।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					महिधर					 :
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					पुं० =महीधर।				 | 
			
			
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				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					महिनंदिनी					 :
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					स्त्री० दे० ‘महीपुत्री’।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					महिपाल					 :
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					पुं० =महीपाल।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					महिपुत्र					 :
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					पुं० =महीपुत्र (मंगल)।				 | 
			
			
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					महिफल					 :
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					पुं० [सं० मघुफल] मधु। शहद।				 | 
			
			
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					महिमा (मन्)					 :
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					स्त्री० [सं० महत्+इमनिच्] १. महत्त्वपूर्ण होने की अवस्था या भाव। गौरव। २. महत्ता की होनेवाली प्रसिद्धि। ३.वह स्थिति जिसमें किसी की क्रियाशीलता, प्रभावोत्पादकता आदि की प्रसिद्धि तथा मान्यता लोक में होती है। ४. उक्त क्रियाशीलता तथा प्रभावोत्पादकता। जैसे—यह तीर्थ या गीता की महिमा थी। ५. आठ सिद्धियों में से एक जिसकी प्राप्ति होने पर मनुष्य इच्छानुसार अपना विस्तार कर लेता है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					महिमाधर					 :
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					वि० [सं० महिमधर] =महिमावान्।				 | 
			
			
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					महिमावान्					 :
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					वि० [सं० महिमवान्] महिमा से युक्त। महिमावाला। पुं० पित्तरों का एक गण या वर्ग।				 | 
			
			
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					महिम्न					 :
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					पुं० [सं० महि√म्ना (अभ्यास)+क] शिव का एक प्रसिद्ध स्तोत्र जिसे पुष्पदंताचार्य ने रचा था।				 | 
			
			
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					महिय					 :
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					स्त्री०=मही।				 | 
			
			
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					महियाँ					 :
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					अव्य० [सं० मध्य०, प्रा०मज्झ=माँह] =महिं (में)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					महिया					 :
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					पुं० [हिं० महना] [स्त्री० महिमारी] ग्वाला। स्त्री ऊख के रस का फेन।				 | 
			
			
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					महियाउर					 :
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					पुं० [हि० मही=मठा+चाउर=चावल] दही के मठे में पकाया हुआ चावल। महेरा।				 | 
			
			
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					महिर					 :
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					पुं० [पु० मह+इलच्, ल=र] सूर्य।				 | 
			
			
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					महिराँण					 :
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					पुं० [सं० महार्णव] समुद्र। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					महिरावण					 :
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					पुं० [सं०] पुराणानुसार एक राक्षस का नाम।				 | 
			
			
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					महिला					 :
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					स्त्री० [सं०√मह+इलच्+टाप्] १. स्त्री। औरत। २. स्त्री के लिए प्रयुक्त होनेवाला एक आदरसूचक शब्द। ३. प्रियंगु (लता)। ४. रेणुका नामक गन्ध द्रव्य।				 | 
			
			
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					महिश्लखरी					 :
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					स्त्री० [?] एक प्रकार का छंद जिसके प्रत्येक चरण में अट्ठाइस मात्राएँ और चौदह मात्राओं पर यति होती है।				 | 
			
			
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					महिष					 :
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					पुं० [सं०√मह्+टिषच्] [स्त्री० महिषी] १. भैंसा। २. वह राजा जिसका अभिषेक शास्त्रानुसार हुआ हो। ३. एक प्राचीन वर्णसंकर जाति। ४. एक साम का नाम। ५. कुश द्वीप का एक पर्वत।				 | 
			
			
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					महिष-कंद					 :
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					पुं० [सं० मध्य० स०] भैंसा कंद।				 | 
			
			
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					महिष-ध्वज					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] १. यमराज। २. जैनों के एक अर्हत्।				 | 
			
			
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					महिष-मंडल					 :
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					पुं० [सं०] प्राचीन भारत में आधुनिक हैदराबाद के दक्षिण भाग का एक नाम।				 | 
			
			
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					महिष-वल्ली					 :
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					स्त्री० [सं० मध्य० स०] छिरेटा (लता)।				 | 
			
			
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					महिष-वाहन					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] यमराज।				 | 
			
			
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					महिषध्नी					 :
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					स्त्री० [सं० महिष√उहन् (मारना)+टक्+ङीष्] दुर्गा।				 | 
			
			
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					महिषमर्दिनी					 :
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					स्त्री० [सं० महिष√मृद् (मर्दन करना)+णिनि+ङीष्] दुर्गा का एक नाम और रूप।				 | 
			
			
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					महिषाकार					 :
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					वि० [सं० महिष-आकार, ब० स०] १. भैसें के आकार का। २. बहुत बड़े डील-डौलवाला।				 | 
			
			
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					महिषाक्ष					 :
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					पुं० [सं० महिष-अक्षि, ब० स०+षच्] १. भैंसा। २. गुग्गुल।				 | 
			
			
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					महिषाछ्न					 :
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					पुं० [सं० महिष√अर्द (मर्दन करना)+ल्युट-अन] कार्तिकेय।				 | 
			
			
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					महिषासुर					 :
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					पुं० [सं० महिष-असुर, मध्य० स०] भैसें के से मुँहवाला एक प्रसिद्ध दैत्य जो रम्भ नाम दैत्य का पुत्र था। इसका वध दुर्गा ने किया था। (पुराण)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					महिषी					 :
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					स्त्री० [सं० महिष+ङीष्] १. भैंस। २. राजा की वह पटरानी जिसका उसके साथ अभिषेक हुआ हो। ३. सैरिध्री। ४. एक प्रकार की औषधि।				 | 
			
			
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				| 
					महिषी-कंद					 :
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					पुं० [सं० मध्य०स] भैंसा कंद। शुभ्रालु				 | 
			
			
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				| 
					महिषी-प्रिया					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] शूकी (घास)।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					महिषेश					 :
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					पुं० [सं० महिष-ईश, ष० त०] १. यमराज। २. महिषासुर। (दे०)।				 | 
			
			
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					महिषोत्सर्ग					 :
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					पुं० [सं० महिष-उत्सर्ग, ष० त०] एक प्रकार का यज्ञ।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					महिष्ठ					 :
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					वि० [सं०√मह (पूजा)+इष्ठन्] १. बहुत बड़ा। २. महिमापूर्ण।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					महिसुर					 :
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					पं०=महीसुर।				 | 
			
			
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