शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					माख					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मक्ष] १. अप्रसन्नता। नाराजगी। २. अभिमान। घमंड। ३. पश्चाताप। पछतावा। ४. अपना अपराध या दोष छिपाने का प्रयत्न। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					माखता					 :
				 | 
				
					पुं० =माख (दे०)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					माखन					 :
				 | 
				
					पुं० =मक्खन। पद—माखनचोर=श्रीकृष्ण। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					माखना					 :
				 | 
				
					अ० [हिं० माख] १. मन में अप्रसन्न या दुःखी होना। २. क्षुब्ध होना। ३. पश्चात्ताप करना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					माखा					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० मक्खी] नरमक्खी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					माखी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० माक्षिक] सोनामक्खी। स्त्री०=मक्खी। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					माखो					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० मुख] १. लोगों में फैलनेवाली चर्चा। जनरव। स्त्री०=मधुमक्खी। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |