शब्द का अर्थ
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					माश					 :
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					पुं० [सं० माष से फा०] उरद। मुहा०—माश मारना=मंत्र पढ़कर किसी को वश में करने के लिए उस पर उरद फेंकना। उदा०—भेड़ बन जाओगे मारेगी जो दो माश तुम्हें।—जान साहब। पुं० [सं० महाशय] १. महाशय। २. बंगाली।				 | 
			
			
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					माशा					 :
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					पुं० [सं० माष, जंद० मष, माहः] आठ रत्ती मान की एक प्रकार की तौल जिसका व्यवहार सोने, चाँदी, रत्नों और औषधियों के तौलने में होता है। पुं० [सं० महाशय] १. महाशय। २. बंगाली।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					माशा अल्लाह					 :
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					अव्य० [अ०] एक प्रशंसासूचक पद जिसका अर्थ है—वाह क्या कहना है ! बहुत अच्छे या क्या कहने !				 | 
			
			
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					माशी					 :
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					पुं० [फा० माश=उड़द] १. माष अर्थात् उड़द की तरह का कालापन लिये लाल रंग। २. जमीन की एक नाप। वि० उक्त प्रकार के रंग का।				 | 
			
			
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					माशूक					 :
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					पुं० [अं० माशूक़] [स्त्री० माशूका] लौकिक अथवा आध्यात्मिक प्रेम-पात्र। प्रिय।				 | 
			
			
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					माशूका					 :
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					स्त्री० [अ० माशूक़] प्रेम-पात्री।				 | 
			
			
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					माशूकाना					 :
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					वि० [अ० माशूक़+फा० आन				 | 
			
			
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					माशूकी					 :
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					स्त्री० [फा०] माशूक होने की अवस्था या भाव। प्रेम-पात्रता।				 | 
			
			
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