शब्द का अर्थ
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					मुकु					 :
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					पुं० [सं०√मुच् (छोड़ना)+कु, पृषो० सिद्धि] १. मुक्ति। मोक्ष। २. छुटकारा।				 | 
			
			
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					मुकुट					 :
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					पुं० =मुकुट।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					मुकुट					 :
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					पुं० [सं०√मुच् (सजाना)+उटन्, पृषो० सिद्धि०] १. श्रेष्ठता का सूचक एक प्रकार का प्रसिद्ध अर्ध गोलाकार शिरोभूषण जो पहले राजा लोग पहनते थे, और जो प्रायः देवी-देवताओं की मूर्तियों के सिर पर बाँधा जाता है। अवतंस। मौलि। स्त्री० एक मातृ-गण।				 | 
			
			
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					मुकुटी (टिन्)					 :
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					वि० [सं० मुकुट+इनि, दीर्घ, नलोप] जिमसें मुकुट पहना हुआ हो।				 | 
			
			
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					मुकुटेकार्षापण					 :
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					पुं० [सं० अलुक, स०] प्राचीन भारत में एक प्रकार का राज-कर जो राजा का मुकुट बनवाने के लिए लिया जाता था।				 | 
			
			
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					मुकुट्ट					 :
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					पुं० [सं०] एक प्राचीन जाति का नाम।				 | 
			
			
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					मुकुत					 :
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					पुं० =मुक्ता (मोती)। वि० =मुक्त। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					मुकुताफल					 :
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					पुं० =मुक्ताफल (मोती)। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					मुकुंद					 :
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					पुं० [सं० मुकु√दा (देना)+क, पृषो, मुम्] १. विष्णु। २. पुराणानुसार एक प्रकार की निधि। ३. एक प्रकार का रत्न। ४. कुंदरू। ५. सफेद कनेर। ६. गंभारी वृक्ष। ७. पोई का साग। ८. पारद। पारा।				 | 
			
			
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					मुकुंदक					 :
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					पुं० [सं० मुखुंद+कन्] १. प्याज। २. साठी धान।				 | 
			
			
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					मुकुर					 :
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					पुं० [सं०√मुक्+उरच्, उत्व] १. दर्पण। आईना। शीशा। २. मौलसिरी। ३. मोतिया। ४. बेर। ५. कली। ६. वह डंडा जिससे कुम्हार चाक चलाता है।				 | 
			
			
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					मुकुल					 :
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					पुं० [सं० मुञ्च्+उलक्] १. कली। २. देह। शरीर। ३. आत्मा। ४. प्राचीन भारत में एक प्रकार का राज-कर्मचारी। ५. जमाल गोटा। ६. गुग्गुल। ७. पृथ्वी।				 | 
			
			
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					मुकुलक					 :
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					पुं० [सं० मुकुल+कन्०] दंती (वृक्ष)।				 | 
			
			
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					मुकुलाग्र					 :
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					पुं० [सं० मुकुल-अग्र, ब० स०] कली की आकृति का एक प्राचीन अस्त्र।				 | 
			
			
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					मुकुलित					 :
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					भू० कृ० [सं० मुकुल+इतच्] १. (पेड या पौधा जिसमें कलियाँ आई हों। कलियों से युक्त। २. (फूल) खिला हुआ। ३.जो पूरी तरह से खुला न हो। कुछ-कुछ मुंदा हुआ। अध-खुला। ४. (नेत्र) जो झपक या मूँद रहा हो।				 | 
			
			
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					मुकुली (लिन्)					 :
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					वि० [सं० मुकुल+इनि, दीर्घ, नलोप] कलियों से लदा हुआ (पौधा या वृक्ष)।				 | 
			
			
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					मुकुष्ठ					 :
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					पुं० [सं० मुकु√स्था (ठहरना)+क] मोठ।				 | 
			
			
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