शब्द का अर्थ
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					मुरल					 :
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					पुं० [सं० मुर√ला (लेना)+क] १. चमड़े का एक पुरानी चाल का बाजा। २. एक प्रकार की मछली।				 | 
			
			
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					मुरला					 :
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					स्त्री० [सं० मुरल+टाप्] १. नर्मदा नदी। २. केरल देश की काली नाम की नदी।				 | 
			
			
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					मुरलिका					 :
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					स्त्री० [सं० मुरली+कन्+टाप्, ह्रस्व] मुरली। वंशी।				 | 
			
			
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					मुरलिया					 :
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					स्त्री०=मुरली (वंशी)। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					मुरली					 :
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					स्त्री० [सं० मुरल+ङीप] मुँह से फूँककर बजाया जानेवाला बाँस आदि की पोर का बना हुआ बाजा। बाँसुरी। पुं० आसाम में होनेवाला एक प्रकार का चावल।				 | 
			
			
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					मुरली-धर					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] श्रीकृष्ण जो बाल्यावस्था में प्रायः मुरली बजाते थे।				 | 
			
			
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					मुरली-मनोहर					 :
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					पुं० [सं० सुप्सुपा सं०] श्रीकृष्ण।				 | 
			
			
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					मुरलीवाला					 :
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					पुं० [सं० मुरली+हिं० वाला (प्रत्यय)] श्रीकृष्ण।				 | 
			
			
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