शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					मोच					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√मुच् (छोड़ना)+अच्] १. सेमल का पेड़। २. केला। ३. पाढर वृक्ष। स्त्री० [सं० मुच्] १. झटका या धक्का लगने से शरीर के किसी अंग के जोड़ की नस का अपने स्थान से इधर-उधर खिसक जाना। (इसमें वह स्थान सूज आता है और उसमें बहुत पीड़ा होती है। जैसे—पाँव में मोच आ गई है। २. कोई ऐसा दोष जिसमें कोई चीज भद्दी और लँगड़ी सी जान पड़ती हो। जैसे—पहले आप अपनी भाषा की मोच तो निकालें। क्रि० प्र०—आना।—पड़ना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मोच-रस					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] सेमल वृक्ष का गोंद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मोचक					 :
				 | 
				
					वि० [सं०√मुच् (छोडऩा)+णिच्+ण्वुल्-अक] १. मोचन करनेवाला। छुड़ानेवाला। २. ले लेने या हरण करनेवाला। पुं० १. सेमल का पेड़। २. केला। ३. ऐसा संन्यासी जो सब प्रकार की विषय वासनाओं से मुक्त हो चुका हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मोचन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√मुच्+ल्युट-अन] १. बंधन आदि से छुड़ाना छुटकारा देना। मुक्त करना २. दूर करना। हटाना। जैसे—दुःख मोचन। ३. ले लेना या हरण करना। छीनना। जैसे—वस्त्र मोचन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मोचना					 :
				 | 
				
					स० [सं० मोचन] १. मोचन करना। २. छुड़ाना या छोड़ना। ३. गिराना। ४. बाहर निकालना। पुं० १. लोहारों का वह औजार जिससे वे लोहे के छोटे-छोटे टुकड़े उठाते हैं। २. हज्जामों की वह चिमटी जिससे वे बाल उखाड़ते या नोचते हैं।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मोचनी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०√मुच्+णिच्+ल्यु-अन, +ङीष्] भटकटैया। स्त्री० हिं० ‘मोचना’ का स्त्री० अल्पा०।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मोचयिता (तृ)					 :
				 | 
				
					वि० [सं०√मुच्+णिच्+तृच्] छुटकारा देने या दिलवानेवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मोचा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०√मुच्+अच्+टाप्] १. केला। २. नील का पौधा। ३. रूई का पौधा। पुं० सहिंजन (वृक्ष)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मोचाट					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मोच√अट् (प्राप्त होना)+अच्] १. केला। २. केले की पेड़ी के बीच का कोमल भाग। केले का गाभ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मोची (चिन्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं०√मुच्+णिच्+णिनि] [स्त्री० मोचिनि] १. दूर करनेवाला। छुड़ानेवाला। पुं० [सं० मोचन=चमड़ा (छुड़ाना] [स्त्री० मोचिन] वह जो चमड़े के जूते आदि बनाने का व्यवसाय करता हो। जूते गाँठने या सीनेवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					मोच्छ					 :
				 | 
				
					पुं० =मोक्ष। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |