शब्द का अर्थ
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					मौल					 :
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					वि० [सं० मूल+अण्] १. मूल से सम्बन्ध रखनेवाला। २. मूल पुरुषों से मिला हुआ। पैतृक। मौरुसी। पुं० १. प्राचीन भारत में एक प्रकार का राज-मंत्री। २. जमींदार। भू-स्वामी।				 | 
			
			
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					मौल-बल					 :
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					पुं० [सं० कर्म० स०] बड़े जमीदारों की अथवा उनके द्वारा एतत्र की हुई सेना। (कौ०)				 | 
			
			
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					मौलवी					 :
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					पुं० [अ०] १. अरबी भाषा का पंडित। २. इस्लाम धर्म का आचार्य। ३. छोटे बच्चों को पढ़ानेवाला मुसलमान गुरु।				 | 
			
			
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					मौलसिरी					 :
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					स्त्री० [सं० मौलि-श्री] १. एक प्रकार का बड़ा सदा बहार पेड़ जिसकी लकड़ी अन्दर से लाल और चिकनी होती है। और जिसकी मेज, कुर्सी आदि बनायी जाती हैं उसके बीजों से तेल निकलता है छाल ओषधियों के काम आती है। २. उक्त वृक्ष के छोटे सफेद सुगंधित फूल।				 | 
			
			
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					मौला					 :
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					पुं० [देश] उत्तरी भारत में होनेवाली एक प्रकार की बेल जिसकी पत्तियाँ एक बालिश्त तक लम्बी होती है। जाड़े के दिनों में इसके आध इंच लम्बे फूल लगते हैं। मूला। मल्हा बेल। पुं० [अ०] १. स्वामी। २. ईश्वर। परमात्मा ३. वह गुलाम जिसे मुक्ति मिली हो।				 | 
			
			
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					मौलाई					 :
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					स्त्री० [अ०] १. मौला होने की अवस्था या भाव। २. स्वामित्व। ३. सरदारी। ४. प्रतिष्ठा।				 | 
			
			
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					मौलाना					 :
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					पुं० [अ०] १. बहुत बड़ा विद्वान, विशेषतः इस्लाम के सिद्धान्तों का पंडित। २. अरबी भाषा का पंडित।				 | 
			
			
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					मौलि					 :
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					पुं० [सं० मूल+इञ्] १. किसी पदार्थ का सब से ऊंचा भाग। चोटी। सिरा। चूड़ा। २. मस्तक। सिर ३. किरीट। ४. नेता। सरदार। ५. अशोक वृक्ष। ६. पृथ्वी। ७. जमीन। भूमि।				 | 
			
			
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					मौलि-पट्ट					 :
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					पुं० [सं० मध्य० स०] पगड़ी। साफा।				 | 
			
			
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					मौलि-मणि					 :
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					पुं० [सं० मध्य० स०] शिरोमणि।				 | 
			
			
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					मौलिक					 :
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					वि० [सं० मूल+ठञ्-इक] [भाव० मौलिकता] १. मूल या जड़ से सम्बन्ध रखनेवाला। २. मूल तत्त्व या सिद्धान्त से सम्बन्ध रखने वाला। (फन्डामेन्टल) ३. असली। वास्तविक। ४. (कृति, ग्रन्थ या विचार) जो बिलकुल नया हो तथा किसी की उदभावना से उदभूत हो। जो किसी की नकल न हो और न ही किसी की उदभावनाओं से उदभूत हो। जो किसी की नकल न हो और न ही किसी के आधार पर बना हो। मूलभूत (ओरिजिनल)।				 | 
			
			
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					मौलिकता					 :
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					स्त्री० [सं० मौलिक+तल्+टाप्] मौलिक होने की अवस्था या भाव। २. स्वयं अपनी उद्भावना से कुछ कहने, बोलने या लिखने की शक्ति अथवा गुण। (ओरिजिनेलिटी)				 | 
			
			
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					मौली (लिन्)					 :
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					वि० [सं० मौलि+इनि] जिसके सिर पर मौलि या मुकुट हो। मुकुटधारी। स्त्री० [हिं० मौर] लाल रँगा हुआ मांगलिक डोरा या सूत। नारा (पश्चिम)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					मौलूद					 :
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					वि० [अ०] जन्म प्राप्त। (शिशु)। पुं० १. जन्मतिथि। २. बेटा। ३. दे० ‘मौलदू शरीफ’।				 | 
			
			
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					मौलूद-शरीफ़					 :
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					पुं० [अ०] १. मुहम्मद साहब के जन्म से संबंध रखनेवाली धार्मिक कथा। २. वह अवसर या समाज जिसमें सब लोगों के सामने वह कथा कही या पढ़ी जाती है।				 | 
			
			
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					मौल्य					 :
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					पुं० [सं० मूल+ष्यञ्] मूल्य।				 | 
			
			
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