शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					यक्ष					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० यक्ष (पूजा)+घञ्] १. एक प्रकार की देवयोनि जो कुबेर के गणों में और उनकी निधियों की रक्षक कही गयी है २. कुबेर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्ष-कर्दम					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मध्य० स०] कपूर, अगर, कस्तूरी, कंकोल आदि के योग से बननेवाला एक प्राचीन अंगराग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्ष-ग्रह					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० कर्म० स०] पुराणानुसार एक प्रकार का कल्पित ग्रह। २. प्रेत बाधा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्ष-तरु					 :
				 | 
				
					पुं० [मध्य० स०] वट वृक्ष। बड़ का पेड़।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्ष-धूप					 :
				 | 
				
					पुं० [मध्य० स०] १. एक प्रकार का धूप। २. देवदारु वृक्ष का गोंद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्ष-नायक					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] १. यक्षों के स्वामी, कुबेर। २. जैनों के अनुसार वर्तमान अवसर्पिणी के अर्हत् के चौथे अनुचर का नाम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्ष-पति					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] यक्षों के स्वामी कुबेर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्ष-पुर					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] कुबेर की राजधानी, अलकापुरी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्ष-राज					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] यक्षों के राजा, कुबेर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्ष-रात्रि					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ष० त०] दीवाली (उत्सव)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्ष-लोक					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] वह लोक जिसमें यक्षों का निवास माना जाता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्ष-वित्त					 :
				 | 
				
					वि० [ब० स०] जो धनवान् तो हो पर कुछ भी व्यय न करता हो। कंजूस।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्ष-स्थल					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] पुराणानुसार एक तीर्थ का नाम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्षण					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० यक्ष+ल्युट-अन] १. पूजन करना। २. भक्षण करना। खाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्षाधिप, यक्षाधिपति					 :
				 | 
				
					पुं० [यक्ष-अधिप, यक्ष-अधिपति]=यक्षपति।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्षावास					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० यक्ष-आवास] वट-वृक्ष।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्षिणी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० यक्ष+इनि—ङीष्] १. यक्ष जाति की पत्नी। २. कुबेर की पत्नी। ३. दुर्गा की एक अनुचरी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्षी (क्षिन्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० यक्ष+इनि] यक्षों की आराधना करनेवाला। स्त्री०=यक्षिणी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्षु					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] १. वह जो यज्ञ करता हो। २. प्राचीन वक्षु (आधुनिक बदख्शां) का पुराना नाम। ३. उक्त जनपद का निवासी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्षेद्र					 :
				 | 
				
					पुं० [यक्ष-इंद्र, ष० त०] यक्षों के स्वामी, कुबेर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्षेश्वर					 :
				 | 
				
					पुं० [यक्ष-ईश्वर, ष० त०] यक्षों के स्वामी, कुबेर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्ष्मग्रह					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उपमित स०] यक्ष्मा (रोग)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्ष्मध्नी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० यक्ष्मन्√हन् (हिंसा)+टक्-ङीष्] अँगूर। दाख।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्ष्मा (क्ष्मन्)					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०√यक्ष+मनिन्] क्षयी नामक रोग। दे० ‘क्षयी’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					यक्ष्मी (क्ष्मिन्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० यक्ष्मन्+इनि] यक्ष्मा से ग्रस्त।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |