शब्द का अर्थ
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युग्म :
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पुं० [सं०√युज् (योग)+मक्, कुत्व] १. एक ही तरह की ऐसी दो चीजें जो प्रायः या सदा साथ आती या रहती हों। जोड़ा। युग। २. ऐसी दो बातें या वस्तुएँ जो मुख्यतः एक दूसरे पर अवलम्बित या आश्रित हों। ३. ज्योतिष में मिथुन राशि। ४. दे० ‘युगलक’। |
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युग्म-धर्मा (धर्मन्) :
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वि० [सं० ब० स०,+अनिच्] १. जो स्वभावतः मिलता हो। मिलनशील। २. मैथुन करना जिसका धर्म हो। |
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युग्म-पत्र :
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पुं० [सं० ब० स०] १. कचनार का पेड़। २. भोजपत्र का पेड़। ३. छितवन। ४. ऐसा पेड़ जिसकी शाखा में आमने-सामने दो-दो पत्ते एक साथ होते हों। युग्मपर्ण। |
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युग्म-पर्ण :
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पुं० [सं० ब० स०] १. लाल कचनार। २. छतिवन। ३. दे० ‘युग्मपत्र’। |
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युग्म-पर्णा :
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स्त्री० [सं० ब० स० टाप्] वृश्चिकाली। |
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युग्म-फला :
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स्त्री० [सं० ब० स० टाप्] वृश्चिकाली। |
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युग्मक :
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पुं० [सं० युग्म+क०] १. युग्म। जोड़ा। २. युगलक। |
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युग्मज :
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पुं० [सं० युग्म√जन् (उत्पत्ति)+ड] एक साथ एक ही गर्भ से उत्पन्न होनेवाले दो जीव। वि० (ऐसे दो) जो एक साथ उत्पन्न हुए हों। |
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युग्मन :
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पुं० [सं० युगम्+णिच्+ल्युट-अन] [भू० कृ० युग्मित] १. दो चीजों को आपस में जोड़, बाँध या मिलाकर एक साथ करने की क्रिया या भाव। (कपलिंग)। २. युग्म बनाने की क्रिया या भाव। (कॉनजुगेशन) |
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युग्मांजन :
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पुं० [सं० युग्म-अंजन, कर्म० स०] स्रोतांजन और सौवीरांजन इन दोनों का समूह। |
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युग्मेच्छा :
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स्त्री० [सं० युग्म-इच्छा, ष० त०] मैथुन या संभोग की इच्छा। |
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