शब्द का अर्थ
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					रसी					 :
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					स्त्री० [देश] उत्तर प्रदेश तथा बिहार के कुछ क्षेत्रों में पाई जानेवाली एक तरह का क्षारयुक्त मिट्टी। वि० =रसिक (या रसिया)।				 | 
			
			
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					रसीद					 :
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					स्त्री० [फा०] १. कोई चीज कहीं पहुँचने या प्राप्त होने की क्रिया या भाव। प्राप्ति। पहुँच। जैसे—पारसल भेजा है, उसको रसीद की इत्तला दीजियेगा। मुहावरा—रसीद करना= थप्पड़ मुक्का आदि लगाना। जड़ना। मारना। जैसे—थप्पड़ रसीद करूँगा, सीधा हो जायगा। २. वह पत्र जिस पर ब्योरेवार यह लिखा हो कि अमुक वस्तु या द्रव्य अमुक व्यक्ति से अमुक कार्य के लिए अमुक समय पर प्राप्त हुआ।				 | 
			
			
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					रसीदी					 :
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					वि० [हिं० रसीद] १. रसीद के रूप में होनेवाला। २. रसीद के संबंध में या उसके लिए काम में आनेवाला। जैसे—रसीदी टिकट=वह विशेष प्रकार का टिकट जो रुपये पाने की रसीद पर लगता है।				 | 
			
			
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					रसील					 :
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					वि० =रसीला। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					रसीला					 :
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					वि० [हि० रस+ईला (प्रत्यय)] [स्त्री० रसीली, भाव० रसीलापन] १. रस से भरा हुआ। रसयुक्त। २. खाने में मजेदार। स्वादिष्ट। ३. (व्यक्ति) जिसके मन में रस अर्थात् आनन्द लेने की प्रवृत्ति या भोग-विलास के प्रति अनुराग हो। रसिक। रसिया। ४. देखने में बाँका निराला या सुन्दर हो। जैसे—रसीली आँख।				 | 
			
			
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					रसीलापन					 :
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					पुं० [हिं० रसीला+पन (प्रत्यय)] रसीले होने की अवस्था, धर्म या भाव।				 | 
			
			
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