शब्द का अर्थ
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					रूह					 :
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					स्त्री० [अं०] १. आत्मा। २. प्राणवायु। ३. अंतःकरण। जैसे—वहाँ जाने को मेरी रूह नहीं कर रही है। ४. कई बार का खींचा हुआ अरक या इत्र।				 | 
			
			
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					रूह-अफ़जा					 :
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					वि० [अ०+फा०] जीवन बढ़ानेवाला। प्राणवर्धक।				 | 
			
			
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					रूहड़					 :
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					पुं० [हिं० रूई] १. पुराने गद्दों तकियों, लिहाफों आदि में की वह पुरानी रूई जो जमकर गुठलों या गूदड़ के रूप में हो गई हो। २. रूई का गुठला।				 | 
			
			
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					रूहना					 :
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					अ० [सं० रोहण] १. ऊपर चढ़ना। २. वेगपूर्वक आगे बढ़ना। उमड़ना। स०=रूँधना।				 | 
			
			
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					रूहानियत					 :
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					स्त्री० [अ०] १. आत्मवाद। २. अध्यात्मवाद।				 | 
			
			
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					रूहानी					 :
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					वि० [अ०] १. रूह या आत्मा संबंधी। आत्मिक जैसे—रूहानी ताकत। २. अंतःकरण संबंधी। हार्दिक। दिली।				 | 
			
			
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					रूही					 :
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					वि० [देश०] एक वृक्ष।				 | 
			
			
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					रूहीमूल					 :
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					पुं० [हिं० रूही+मूल] रूही नामक वृक्ष की छाल और जड़। ईसरमूल।				 | 
			
			
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