शब्द का अर्थ
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					रोब					 :
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					पुं० [अ० रुअब] [वि० रोबीला] १. किसी के बड़प्पन, महत्त्व, शक्तिशालिता आदि की वह स्थिति जिसका दूसरों पर आतंककारक प्रभाव पड़ता हो। धाक। दबदबा। जैसे—सारे दफ्तर पर उसका रोब छाया रहता था। क्रि० प्र०—छाना।—जमना। २. महत्व, शक्तिशालिताँ आदि का ऐसा प्रदर्शन जो औरों के मन में आतंक उत्पन्न करने के लिए हो। जैसे—यह रोब किसी ओर को दिखाना। क्रि० प्र०—गाँठना।—जमाना।—दिखाना। पद—रोब-दाब। मुहावरा—किसी के रोब में आना=किसी के उक्त प्रकार के बल प्रदर्शन से प्रभावित होकर उसके सामने झुक या दब जाना। भय मानकर दब जाना। ३. किसी की आकृति, रूप आदि में दिखाई देनेवाला ऐसा बड़प्पन जिसके लोग प्रभावित होकर दबते हों। जैसे—उसके चेहरे पर रोब है।				 | 
			
			
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					रोब-दाब					 :
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					पुं० [हिं०] आतंक और उसके कारण पड़नेवाला दबाव या प्रभाव।				 | 
			
			
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					रोबदार					 :
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					वि० [हिं० रोब+फा० दार] जिसका दूसरों पर जल्दी प्रभाव पड़ता हो। दूसरों पर अपना आतंक जमाने में समर्थ।				 | 
			
			
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					रोबीला					 :
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					वि० [हिं० रोब+इला (प्रत्यय)] (व्यक्ति या आकृति) जो रोब से युक्त हो। रोबदार।				 | 
			
			
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