शब्द का अर्थ
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					लरज					 :
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					पुं० [हिं० लरजना] सितार के छः तारों में से पाँचवाँ तार जो पीतल का होता है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					लरजना					 :
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					अ० [फा० लर्ज़=कंप] १. कांपना। थरथराना। २. इधर-उधर हिलना। संयो० क्रि०—उठना।—जाना।—पड़ना। ३. डर जाना। दहल जाना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					लरजाँ					 :
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					वि० [फा०] काँपता हुआ। कंपित। पुं० [फा० लर्ज] १. कँपकँपी। थरथराहट। २. भूकंप। भूचाल। ३. जूड़ी बुखार जिसके आने पर रोगी थर-थर काँपने लगता है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					लरजिश					 :
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					स्त्री० [फा० लरजिश] कँपकँपी। थरथराहट।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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