शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					लोर					 :
				 | 
				
					वि० [सं० लोल] १. लोल। चंचल। २. अभिलाषी। इच्छुक। पुं० [सं० लोल] १. कान का कुंडल। २. लटकन। पुं० =रोर। (शब्द)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					लोरना					 :
				 | 
				
					अ० [सं० लोल] १. चंचल होना। २. इधर-उधर झूलना लहराना या हिलाना। ३. पाने के लिए उत्सुक होना। ललकना। ४. पाने के लिए तेजी से आगे बढ़ना। लपकना। ५. लिपटना। ६. झुकना। ७. लोटना। स० १. चलायमान या चंचल करना। २. हिलाना-डुलाना। ३. नत करना। झुकाना। ४. किसी को नम्र अथवा विनीत करना अथवा बनाना। स० [?] निर्मल या स्वच्छ करना। उदाहरण—हमरा जीवन निंदकु लोरै।—कबीर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					लोरिक					 :
				 | 
				
					पुं० [?] १. उत्तर प्रदेश में प्रचलित एक गीत-कथा का नायक जो आमीर जाति का था, और जिसका प्रेम किसी दूसरे आभीर की चन्दा नामक पत्नी से हो गया था। २. प्रेमी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					लोरी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० लाल] वे गीत जो स्त्रियाँ छोटे बच्चों को सुलाने के लिए गाती हैं। ललबी। पुं० [?] एक प्रकार का तोता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |