शब्द का अर्थ
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वर्चस् :
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पुं० [सं०√वर्च (तेज)+असुन्] [वि० वर्चस्वान्, वर्चस्वी] १. रूप। २. तेज। प्रताप। ३. कांति। दीप्ति। ४. श्रेष्ठता। ५. अन्न। अनाज। ६. मल। विष्ठा। |
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समानार्थी शब्द-
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वर्चस्क :
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पुं० [सं० वर्चस्+कन्] १. दीप्ति। तेज। २. विष्ठा। |
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वर्चस्य :
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वि० [सं० वर्चसू+यत्] तेजवर्द्धक। |
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वर्चस्वान् (स्वत्) :
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वि० [सं० वर्चस्+मतुप्] [स्त्री० वर्चस्वती] १. तेजवान्। २. दीप्तियुक्त। |
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वर्चस्वी (स्विन्) :
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वि० [सं० वर्चस्+विनि] [स्त्री० वर्चस्विनी] १. तेज स्त्री। २. दीप्तियुक्त। पुं० चंद्रमा। |
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