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विरूप  : वि० [सं० ब० स०] [स्त्री० विरुपा] [भाव० विरूपता] १. अनेक या कई रूपोंवाला। २. कई तरह या प्रकार का। ३. भद्दे रुपवाला। कुरूप। बदसूरत। ४. जिसका रूप बदल गया हो। ५. शोभा श्री आदि से रहित। ६. उलटा, विपरीत या विरुद्ध। ७. अप्राकृतिक। ८. अन्य या दूसरे प्रकार का। भिन्न। पुं० १. बिगड़ी हुई सूरत। २. पाडु रोग। ३. शिव। ४. एक असुर। ५. पिप्ललीमूल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
विरूप-परिणाम  : पुं० [सं०] एक रूपता से अनेक-रूपता अर्थात् निर्विशेषता से विशेषता की ओर होनेवाला परिवर्तन। एक मूल प्रकृति से अनेक विकृतियों का विकसित होना।
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विरूपण  : पुं० [सं०] [भू० कृ० विरूपित] आघात आदि के द्वारा अथवा और किसी प्रकार का रूप या आकार बिगड़ना।
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विरूपता  : स्त्री० [सं० विरूप+तल्+टाप्] विरूप होने की अवस्था या भाव।
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विरूपा  : स्त्री० [सं० विरूप+टाप्] १. दुरालभा। २. अतिविषा। ३. यम की पत्नी का नाम। वि० सं० विरूप का स्त्री०।
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विरूपाक्ष  : वि० [सं० ब० स०] जिसकी आँखें विरूप हों। पुं० १. शिव। २. शिव का एक गण। ३. रावण का एक सेनापति जिसे सुग्रीव ने मारा था। ४. पुराणानुसार एक दिग्गज।
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विरूपिक  : वि० [स्त्री० विरूपिका]=विरूप।
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विरूपी (पिन्)  : वि० [सं० विरूप+इनि] [स्त्री० विरूपिणी] १. जिसका रूप बिगड़ा हो। २. कुरूप। बदसूरत। ३. डरावनी या भयानक आकृतिवाला। पुं० गिरगिट नामक जन्तु।
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