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वीणा  : स्त्री० [सं०√वी+न+टाप्] १. एक तरह का प्राचीन भारतीय बाजा जो सितार, सरोद आदि का मूल रूप है और सब बाजों में श्रेष्ठ माना जाता है। २. साधकों और सिद्धों की परिभाषा में जीव की काया या शरीर। ३. विद्युत। बिजली।
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वीणा-दंड  : पुं० [सं० ष० त०] वीणा का वह लंबोतरा अंश जो दोनों तुबों या सिरों के बीच पड़ता है।
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वीणा-पाणि  : स्त्री० [सं० ब० स०] सरस्वती। पुं० नारद।
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वीणा-प्रसेव  : पुं० [सं०] वीणा की वह गट्टी जिसे आगे-पीछे करने से तार से निकलनेवाला स्वर तीव्र मंद होता है।
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वीणा-वादिनी  : स्त्री० [सं० ब० स०] सरस्वती।
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वीणा-हस्त  : पुं० [सं० ब० स०] शिव। महादेव।
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वीणाधारी  : स्त्री० [सं०] संगीत में कर्नाटकी पद्धति की एक रागिनी।
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वीणावती  : स्त्री० [सं० वीणा+मतुप्, म-व+ङीष्] सरस्वती।
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