शब्द का अर्थ
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					शलाका					 :
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					स्त्री० [सं० शल+आकन्=टाप्] १. धातु, लकड़ी आदि की लंबी सलाई। सलाखा। सीख। २. आँख में सुरमा लगाने की सलाई। ३. घाव की गहराई आदि नापने की सलाई। ४. जूआ खेलने का पासा। ५. काठ का छोटा टुकड़ा जिसकी सहायता से निर्वाचन में मत लिया जाता था। (बैलट) ६. अस्थि। हड्डी। ७. तिनका। तृण। ८. मैना पक्षी। ९. मदन वृक्ष। १॰. सलाई का पेड़। शल्लकी। ११. बच। १२. पैर की नली की हड्डी।				 | 
			
			
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					शलाका मुद्रा					 :
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					स्त्री० [सं०] सभ्यता के आरम्भिक काल की वे मुद्राएँ या सिक्के जो छोटे-छोटे धातु खंडों के रूप में होते थे और धातुओं के छड़ या शलाकाएँ काटकर बनाये जाते थे (बेन्टवार क्वायन)। विशेष—ऐसे सिक्कों पर प्रायः कोई अंक या चिन्ह नहीं होता था।				 | 
			
			
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					शलाकापत्र					 :
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					पुं० [ष० त० स०] प्राचीन भारत की शलाका के स्थान पर आज-कल प्रयुक्त होनेवाला वह पत्र जिसके द्वारा चुनाव के समय लोग अपना मत प्रकट करते हैं। (बैलट पेपर)				 | 
			
			
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					शलाकापुरुष					 :
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					पुं० [सं० मध्यम० स०] बौद्धों के ६३ दैवपुरुषों में से एक।				 | 
			
			
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