शब्द का अर्थ
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					शोर					 :
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					पुं० [फा०] १. ऊँची, तीखी तथा कर्णकटु आवाज या आवाजें। जैसे—रात भर कुत्ते शोर करते रहे। २. लोगों के चीखने-चिल्लाने आदि की सामूहिक ध्वनि। ३. लाक्षणिक अर्थ में, किसी चीज की सहसा होनेवाली व्यापक चर्चा। क्रि० प्र०—मचना।—मचाना।				 | 
			
			
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					शोरबा					 :
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					पुं० [फा० शोर्बः] १. तरकारी, दाल आदि का जूस। रसा। २. पकाये हुए मांस का रसा।				 | 
			
			
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					शोरा					 :
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					पुं० [फा० शोरः] सफेद रंग का एक प्रकार का क्षार जो मिट्टी में से निकलता है। मुहा०—शोरे की पुतली=बहुत गोरी स्त्री।				 | 
			
			
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					शोरा आलू					 :
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					पुं० [हिं० शोरा+आलू] बन आलू।				 | 
			
			
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					शोरा पुश्त					 :
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					वि० [फा० शोरः पुश्त] १. लड़ाका। २. उपद्रवी। फसादी।				 | 
			
			
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					शोरिश					 :
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					स्त्री० [फा०] १. खलबली। हलचल। २. बगावत। विद्रोह।				 | 
			
			
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					शोरी					 :
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					पुं० [फा० शोरः] फारसी संगीत में एक मुकाम का पुत्र।				 | 
			
			
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