शब्द का अर्थ
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					षंड					 :
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					पुं० [सं०√ सन्+ड, पृषो, षत्व] १. साँड़। बैल। २. नपुंसक। ३. ढेर। राशि। ४. भेड़ों आदि का झुंड। ५. पद्यों का समूह।				 | 
			
			
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					षंडक					 :
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					पुं० [सं० षण्ड+कन्] नपुंसक।				 | 
			
			
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					षंडता					 :
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					स्त्री० [सं० षंड+तल्+टाप्] नपुंसकता।				 | 
			
			
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					षंडत्व					 :
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					पुं० [सं० षण्ड+त्व०] नपुंसकता।				 | 
			
			
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					षंडयोनि					 :
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					स्त्री० [सं०]=षंडी।				 | 
			
			
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					षंडाली					 :
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					स्त्री० [सं०] १. तालाब। २. व्याभिचारिणी स्त्री।				 | 
			
			
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					षंडी					 :
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					स्त्री० [सं०] ऐसी स्त्री जिसमें स्त्री के मुख्य लक्षणों का अभाव हो, अर्थात् न तो जिसके स्तनों का विकास हुआ हो और न रजस्वलता होती हो (ऐसी स्त्री पुरुष समागम के अयोग्य होती है)।				 | 
			
			
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