शब्द का अर्थ
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					संभूत					 :
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					भू० कृ० [सं०] [भाव० संभूति] १. जो किसी दूसरे के साथ उत्पन्न हुआ हो। २. उत्पन्न। जात। ३. युक्त। सहित। ४. बिल कुल बदला हुआ। ५. उपयुक्त। योग्य। ६. बराबर। समान।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					संभूत					 :
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					भू० कृ० [सं०] [भाव० संभृति] १. इकट्ठा या जमा किया हुआ। एकत्र। २. पूरी तरह से भरा या लदा हुआ। ३. युक्त। सहित। ४. पाला-पोसा हुआ। ५. जिसका आदर या सम्मान किया गया हो। ६. तैयार। प्रस्तुत। ७. बनाया हुआ। निर्मित। पुं० चीख-पुकार। हो-हल्ला।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					संभूति					 :
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					स्त्री० [सं०] १. संभूत होने की अवस्था या भाव। उत्पत्ति। २. विभूति। वैभव। ३. बढ़ती। वृद्धि। ४. योग से प्राप्त होने वाली विभूति या अलौकिक शक्ति। ५. क्षमता। शक्ति। ६. शक्ति का प्रदर्शन। ७. उपयुक्तता। ८. पात्रता। योग्यता। ९. मरीच की पत्नी जो दक्ष प्रजापति की कन्या थी।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |