शब्द का अर्थ
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संलक्ष्य :
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वि० [सं० सम्√लक्ष् (देखना आदि)+यत्] १. जो लक्षणों से पहचाना जाय। २. जो देखने में आ सके। ३. जो ताड़ा या लखा जा सके। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
संलक्ष्य क्रम व्यंग्य :
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पुं० [सं० समलक्ष्य,-क्रम-ब०स०,-व्यंग्य-मध्य०स०] साहित्य में, व्यंग्य को दो भेदों में से एक ऐसा व्यंग्य या व्यंजना जिसमें वाच्यार्थ व्यंग्यार्थ की प्राप्ति का क्रम लक्षित हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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