शब्द का अर्थ
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संस्तव :
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पुं० [सं०] १. प्रशंसा। स्तुति। तारीफ। २. उल्लेख। कथन। जिक्र। ३. जान-पहिचान। परिचय। ४. घनिष्ठता। हेल-मेल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
संस्तवन :
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पुं० [सं० सम्√स्तु (प्रशंसा करना)+ल्युट—अन] १. प्रशंसा करना। स्तुति करना। २. कीर्ति या यश का गान करना। ३.आज-कल किसी की प्रशंसा करते हुए उसके सम्बन्ध में यह कहना कि यह अमुख (काम, बात या सेवा के लिए उपयुक्त और योग्य है। (कॉमेन्डेशन) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |