शब्द का अर्थ
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					सभ्य					 :
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					वि० [सं० सभा+यत] [भाव० सभ्यता] १. सभा से संबंध रखने वाला। २. सभा, समाज आदि के लिए उपयुक्त। ३. अच्छे विचार रखने और भले आदमियों का सा व्यवहार करने वाला। शिष्ट। ४. (काम या बात) जो भले आदमियों के उपयुक्त और शोभन हो। शिष्ट। (सिविल) जैसे—सभ्य व्यवहार। पुं० १. वह जो किसी सभा संस्था आद् का सदस्य हो। सभासद। २. भला आदमी।				 | 
			
			
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					सभ्यता					 :
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					स्त्री० [सभ्य होने की अवस्था, गुण या भाव। २. किसी सभा या समाज की सभ्यता। ३. शीलवान और सज्जन होने की अवस्था और भाव। ४. आज-कल वे सब काम और बातें जो किसी जाति या देश के लोग पृकृति पर विजय पाने और जीवन निर्वाह में सुगमता लाने के लिए फौतिक साधना का पयोग करते हुए आरंभ से अबतक करते आये हैं। किसी जाति या देश की बाह्य तथा भौतिक उन्नतियों का सामूहिक रूप। (सिविलिजेशन) विशेष—सभ्यता और संस्कृति का अंतर जानने के लिए दे० ‘संस्कृति’ का विशेष।				 | 
			
			
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					सभ्येतर					 :
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					वि० [सं० पंच० त०] जो सभ्य न होकर उससे भिन्न हो। अर्थात उजड्ड या बेशउर।				 | 
			
			
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