शब्द का अर्थ
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					समष्टि					 :
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					स्त्री० [सं० सम√अश् (प्याप्त होना)+क्तिन्] १. जितने हों, उन सब का सम्मिलित या सामूहिक रूप। वह रूप या स्थिति जिसमें सभी, अंगो, व्यष्टियों या सदस्यों का अंतर्भाव या समावेश हो। ‘व्याष्टि’ का विपर्याय। २. साधु-संन्यासियों आदि का ऐसा भंडारा या भोज जिसमें सभी स्थानिक साधु-संन्यासी आदि निमंत्रित किये गये हों।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					समष्टि-निगम					 :
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					पुं० [सं०] ऐसा निगम जो समष्टि या समुदाय पर आश्रित हो, अथवा बहुतों या सब के सहयोग से काम करता हो,या चलता हो। (एग्रिगेट कारपोरेशन)।				 | 
			
			
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					समष्टिवाद					 :
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					पुं० [सं०] आधुनिक साम्यवाद की वह शाखा जिसका सिद्धान्त यह है कि सभी पदार्थों के उत्पादन और वितरण का सारा अधिकार समष्टि रूप से सारे राष्ट्र के हाथ में रहना चाहिए। (कलेक्टिविज़्म)।				 | 
			
			
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					समष्टिवादी					 :
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					वि० [सं०] समष्टिवाद सम्बन्धी। समष्टिवाद का। पुं० समष्टिवाद का अनुयायी या समर्थक।				 | 
			
			
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