शब्द का अर्थ
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					सर्पि					 :
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					पुं० [सं०√सप् (इत्यादि)+इति] घृत। घी।				 | 
			
			
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					सर्पिका					 :
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					स्त्री० [सं० सप्+कन्-टाप्—इत्व] १. छोटा साँप। २. एक प्राचीन नदी।				 | 
			
			
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					सर्पिणी					 :
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					स्त्री० [सं०√सप् (धीरे-धीरे चलना)+णिनि-ङीप्] १. साँप की मादा। साँपिन। २. भुजंगी नाम की लता। ३. रहस्य संप्रदाय में माया की एक संज्ञा।				 | 
			
			
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					सर्पित					 :
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					भू० कृ० [सं० सर्प+इतच्] १. सर्प के रूप में आया या लाया हुआ। २. साँप की तरह टेढ़ा-मेढ़ा चलना या रेंगता हुआ। उदाहरण—सुख से सर्पित मुखर स्रोत नित प्रीति स्रवित पिक कूजन।—पंत। पुं० साँप के काटने से शरीर में होनेवाला क्षत या घाव।—पंत।				 | 
			
			
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					सर्पिल					 :
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					वि० [सं०] [भाव० सर्पिलता] जो साँप की तरह टेढ़ा-मेढ़ा होता हुआ आगे बढ़ता हो। (सर्पेन्टाइन)।				 | 
			
			
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