शब्द का अर्थ
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					सर्षप					 :
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					पुं० [सं०] १. सरसों। २. सरसों के बराबर तौल या मान। ३. एक प्रकार का विष।				 | 
			
			
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					सर्षप-कंद					 :
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					पुं० [सं०] एक प्रकार का पौधा जिसकी जड़ जहरीली होती है।				 | 
			
			
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					सर्षप-नाल					 :
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					पुं० [सं०] सरसों का साग।				 | 
			
			
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					सर्षपक					 :
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					पुं० [सं० सर्षप+कन्] एक प्रकार का साँप।				 | 
			
			
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					सर्षपा					 :
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					स्त्री० [सं० सर्षप-टाप्] सफेद सरसों।				 | 
			
			
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					सर्षपारुण					 :
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					पुं० [सं०] [ष० त० त० ब० स०] पारास्तक गुह्य-सूत्र के अनुसार असुरों का एक गण।				 | 
			
			
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					सर्षपिक					 :
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					पुं० [सं० सर्षप+ठक्-इक] सुश्रुत के अनुसार एक प्रकार का बहुत जहरीला क्रीडा जिसके काटने से आदमी मर जाता है।				 | 
			
			
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					सर्षपिका					 :
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					स्त्री० [सं० सर्षप+कन्-टाप्-इत्व] एक प्रकार का लिंग रोग। २. मसूरिका रोग का एक भेद।				 | 
			
			
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					सर्षपी					 :
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					स्त्री० [सं० सर्षप-ङीष्] १. अविद्या। २. सफेद सरसों। ३. खंजन पक्षी। भभोला। ४. एक प्रकार का रोग जिसमें सारे शरीर में सरसों के समान दाने निकल आते हैं।				 | 
			
			
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