शब्द का अर्थ
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					सवैया					 :
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					पुं० [हि० सवा+ऐया (प्रत्य०)] १. तौलने का वह बाट जो सवा सेर का हो। २. वह पहाड़ा जिसमें एक दो तीन आदि संख्याओं का सवाया मान बतलाया जाता है। ३. हिन्दी छन्द शास्त्र में वर्णिक वृत्तों के चरणवाले प्रायः सभी जाति-छंद आ जाते है। इन छन्दों में लय की प्रधानता होती है, अतः इन्हें पढ़ते समय कुछ स्थलों पर गुरु मात्राओं का ह्रस्व मात्राओं के समान उच्चारण करना पड़ता है। इसके १ ४ भेद कहे गये हैं, दुर्मिल, मदिरा मानिनी सुन्दरी आदि।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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