शब्द का अर्थ
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					सांद्र					 :
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					वि० [सं०] [भाव० सांद्रता] १. एक में गुथा, जुड़ा या मिला हुआ। २. गंभीर। घना। उदा०—उठा सांद्र तन का अवगुंठन।—दिनकर। ३. हृष्ट-पुष्ट। हट्टा-कट्टा। ४. तीव्र। प्रबल। ५. बहुत अधिक। प्रचुर। ६. चिकना। स्निग्ध। ७. कोमल। मृदु। ८. मनोहर। सुन्दर। पुं०। जंगल। वन।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					सांद्र-प्रसाद					 :
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					पुं० [सं०] एक प्रकार का कफज प्रमेह जिसमें सूत्र का कुछ अंश गाढ़ा और कुछ अंश पतला निकलता है।				 | 
			
			
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					सांद्रता					 :
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					स्त्री० [सं० सांद्र+तल्—टाप्] सांद्र होने की अवस्था, गुण या भाव।				 | 
			
			
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					सांद्रमेह					 :
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					पुं०=सांद्र-प्रसाद।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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