शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					सामान्यतोदृष्ट					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सामान्यतस्√दृश् (देखना)+क्त] १. तर्क और न्याय शास्त्र में अनुमान संबंधी एक प्रकार का दोष या भूल, जो उस समय मानी जाती है जब किसी ऐसे पदार्थ के आधार पर अनुमान किया जाता है जो न तो कार्य हो और न कारण। जैसा—आस को बौरते देखकर कोई यह अनुमान करे कि अन्य वृक्ष भी बौरने लगे होंगे। २. दो वस्तुओं या बातों में ऐसा साम्य, जो कार्य-कारण संबंध से भिन्न हो। जैसा—बिना चले कोई दूसरे स्थान पर नहीं पहुँच सकता। इसी से यह भी समझ लिया जाता है कि यदि किसी को कही पहुँचना हो तो उसे किसी प्रकार चलने में प्रवृत्त करना पड़ेगा।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |