शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					सोप					 :
				 | 
				
					पुं० [देश०] एक प्रकार की छपी हुई चादर। पुं० [अ०] साबुन। पुं० [अ० स्वाब] बुहारी। झाड़ू। (लश०)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सोप-सर्प					 :
				 | 
				
					वि० [सं०] [स्त्री० सोपसर्पा] १. उठान या उभार कर आया हुआ। २. काम—वासना से युक्त। गरमाया हुआ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सोपकरण					 :
				 | 
				
					वि० [सं०] सभी प्रकार के उपकरणों या साज सामान से युक्त। जैसे–सोपकरण शय्या।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सोपकार					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] ब्याज—सहीत। असल मैं सूद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सोपचार					 :
				 | 
				
					वि० [सं०] शिष्टतापूर्वक बर्ताव करने वाला। अव्य० उपचार—पूर्वक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सोपत					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० सूपपत्ति]=सुभीता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सोपर्णेय					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] सुपर्णी के पुत्र, गरुड़।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सोपाक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] १. काष्ठौषधि बेचनेवाला। वनौषधि बेचनेवाला। २. चांडाल। श्वपच। शवपाक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सोपाधि (क)					 :
				 | 
				
					वि० [सं०] उपाधि (दे० ) से युक्त।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सोपाधिकप्रदान					 :
				 | 
				
					पुं [सं०] ऋण लेने वाले से ऋण की रकम बिना दिये अपनी चीज ले लेना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सोपान					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] सीढ़ी। जीना। २. जैन धर्म में मोक्ष प्राप्ति का उपाय या साधन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सोपान-कूप					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० मध्य० स०] सीढ़ीदार कूँआ। बावली।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सोपानक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] सोने के तार में पिरोई हुइ मोंतियों की माला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सोपानावरोहण-न्याय					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०] एक प्रकार का न्याय या कहावत जिसका प्रयोग ऐसे प्रसंगो में होता है, जहाँ सीढियों की तरह क्रम-क्रम से एक-एक स्थल पार करते हुए आगे बढ़ना अभीष्ट होता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सोपानित					 :
				 | 
				
					भू० कृ० , वि० [सं०] सोपान से युक्त किया हुआ। सीढ़ियों से युक्त।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सोपारी					 :
				 | 
				
					स्त्री० =सुपारी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					सोपाश्रय					 :
				 | 
				
					वि० [सं०] जो आश्रय या आलंब से युक्त हो। अव्य० आश्रय या अवलंब का उपयोग करते हुए। पुं० योग में एक प्रकार की समाधि।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |