शब्द का अर्थ
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सौंदर्य :
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पुं० [सं०] १. सुंदर होने की अवस्था, गुण या भाव। सुंदरता। खूबसूरती। २. किसी वस्तु का वह गुण या तत्व समूह जो उसके आकार या रूप को आकर्षक और नेत्रों के लिए सुखद बनता है। सुंदरता (ब्यूटी)। विशेष–यह तत्व प्रायः व्यक्तिगत रुचि और विचार पर आश्रित रहता है, और कला के क्षेत्र तक की ही परिमित नहीं है। ३. संगीत में कर्नाटकी पद्धति का एक राग। |
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सौंदर्यता :
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स्त्री०=सौंदर्य।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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सौंदर्यवाद :
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पुं० [सं०] यह मत या सिद्धांत की कला में सौंदर्य की ही प्रधानता होनी चाहिए और मनुष्य की रुची उसी के प्रति रहनी चाहिए। (एस्थिटिसिज्म) |
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सौंदर्यवादी :
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वि० [सं०] सौंदर्यवाद—संबंधी। सौंदर्यवाद का। पुं० वह जो सौंदर्यवाद का अनुयायी, पोषक या समर्थक हो। |
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सौंदर्यविज्ञान :
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पुं० [सं०]=सौंदर्य—शास्त्र। |
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सौंदर्यशास्त्र :
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पुं० [सं०] वह शास्त्र जिसमें कलात्मक कृतियों, रचनाओं आदि से अभिव्यक्त होनेवाला अथवा उनमें निहित रहनेवाले सौंदर्य का तात्विक, दार्शनिक और मार्मिक विवेचन होता है। (एस्थेटिक्स) विशेष–किसी सुंदर वस्तु को देखकर हमारे मन में जो आनन्ददायिनी अनुभूति होती है। उसके स्वभाव और स्वरूप का विवेचन तथा जीवन की अन्यान्य अनुभूतियों के साथ उसका समन्वय स्थापित करना इनका मुख्य उद्देश्य होता है। |
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