शब्द का अर्थ
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					स्थिति					 :
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					स्त्री० [सं०] [वि० स्थित] १. स्थित होने की क्रिया, दशा या भाव। रहना या होना। अवस्थान। अस्तित्व। २. एक ही स्थान पर या एक ही रूप में बना रहना। टिकाव। ठहराव। ३. आपेक्षिक, आर्थिक, सामाजिक आदि दृष्टियों से समझी जाने वाली किसी विषय या व्यक्ति की अवस्था। दशा। हलत। जैसे–(क) आज–कल उनकी स्थिति अच्छी नहीं है। (ख) देश की रीजनीतिक (या सामाजिक) स्थिति बिलकुल बदल गई है। ४. पद, मर्यादा आदि के विचार से समाज में किसी को प्राप्त होनेवाला स्थान। (पोजीशन) ५. किसी व्यक्ति संस्था आदि की वह विधिक दशा या मर्यादा जो उसे अपने क्षेत्र में कुछ निश्चित सीमा में प्राप्त होती है, और जो उसके पद सम्मान आदि की सूचक होती है। (स्टेटस) ६. वे बातें जो कोई पक्ष में अपने वक्तव्य, अभियोग, आरोप आदि के संबंध में कहता या उपस्थित करता है। (केस) जैसे–इस विषय में मैं अपनी स्थिति आपको बतला चुका हूँ। ७. निवास-स्थान। ८. अस्तित्व। ९. पालन–पोषण। १॰. नियम या विधान। ११. विचारणीय विषय का निर्णय या निष्पत्ति। १२. मर्यादा। १३. सीमा। हद। १४. छुटकारा। निवृत्ति। १५. ढंग। तरीका। १६. आकृति। रूप।				 | 
			
			
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					स्थिति-गणित					 :
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					पुं० [सं०] गणित की वह शाखा जिसमें सांख्यिकी विवरण संग्रहीत तथा वर्गीकृत किये जाते हैं और विशेष रूप से पदार्थों की साम्यावस्था पर प्रभाव डालनेवाली शक्तियों का अंको में विवेचन होता है। (स्टैटिस्टिक्स)				 | 
			
			
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					स्थिति-शील					 :
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					वि० [सं०] [भाव० स्थितिशीलता] १. बराबर एक ही स्थिति में होता या बना रहनेवाला। २. जो किसी स्थिति में पहुँचकर ज्यों का त्यों रह जाय। (स्टेटिक)				 | 
			
			
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					स्थिति-स्थापक					 :
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					वि० [सं०] [भाव० स्थिति-स्थापकता] १. दाब हट जाने पर फिर ज्यों का त्यों हो जानेवाला। नमनीय। लचीला। २. दे० ‘तन्यक’।				 | 
			
			
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					स्थितिता					 :
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					स्त्री० [सं०] १. स्थिति का भाव या धर्म। २. स्थिरता।				 | 
			
			
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					स्थितिमान् (मत्)					 :
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					वि० [सं०] १. जिसमें दृढ़ता या धीरता हो। २. स्थायी। ३. धार्मिक।				 | 
			
			
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